नव वर्ष मनाने के निराले ढ़ग


प्राचीन समय में बड़े-बड़े साम्राज्यों में भी नववर्ष के आगमन का समारोह विशाल पैमाने पर मनाया जाता था। नए वर्ष के दिन पुराने वैर-भाव भुलाने और नई मित्रता स्थापित करने की परम्परा भी पुरानी है।
नए वर्ष के आगमन पर आंनद तथा उल्लास के साथ बंधाई देना बहुत लोकप्रिय और पुराना रिवाज रहा है। इसके मनाने के तौर तरीके तमाम जगहों पर तमाम तरह के हैं। 

यह ध्वनि सबसे अधिक गरिमामय तथा मर्मस्पर्शा होती है

नए वर्ष की पूर्व संध्या के समय घंटियां बजाने की प्रथा का आरम्भ इंग्लैंड में काफी पहले हो गया था। रिवाज यह था कि बारह बजे से थोड़ा पहले उपर से किसी चीज से ढ़की हुई घंटियां बजाई जाती थी और ठीक बारह बजे उनका आवरण हटाकर उन्हें जोर-जोर बजने दिया जाता था, यह इस बात का सूचक था कि बीता हुआ वर्ष कमजोर और दुर्बल था जबकि नया वर्ष मजबूत और शक्तिशाली होगा। चार्ल्स लैब ने लिखा है “घंटियों की सब प्रकार की ध्वनियों में से यह ध्वनि सबसे अधिक गरिमामय तथा मर्मस्पर्शा होती है जो बीते हुए वर्ष को भगाती है।” वह बीते हुए वर्ष के लिए मृत्यु की सूचक तथा नए वर्ष के स्वागत की सूचक होती थी।

नए वर्ष की पूर्व संध्या पर घंटियों को बजाने का उद्देश्य क्या था

प्राचीन मिस्रवासियों का यह विश्वास था कि मृत्यु के समय बजाई जाने वाली घंटियां मृत व्यक्ति तथा अन्य लोगों से प्रेतात्माओं को दूर रखती है। यह अंधविश्वास धीरे-धीरे इटली, स्काटलैंड व आयरलैंड तक फैल गया। पेरिस में सैकड़ों वर्ष पूर्व यह प्रथा थी कि जब किसी बंदी (कैदी) को मृत्युदंड देने के लिए ले जाया जाता था तो नार्चे डेम की घंटियां बजाई जाती थी। नए वर्ष की पूर्व संध्या पर घंटियों को बजाने का उद्देश्य स्पष्टतः बीते हुए वर्ष की समाप्ति की घोषणा करना होता था।

“प्रेम और आंनद तुम्हारे पास आए और ईश्वर करे कि तुम्हारा नव वर्ष शुभ हो”

स्काटलैंड की एक विलक्षण प्राचीन प्रथा यह है कि बीते हुए वर्ष को जलाकर समाप्त कर दिया जाता है। रात्रि में नौ बजे के लगभग मार्केट क्रास के निकट और आसपास की पहाड़ियों पर अग्नि जलाई जाती है। यह अग्नि नया वर्ष आरम्भ होने के समय तक जलती रहती है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाता था कि घर में भी अग्नि सारी रात जलती रहे, क्योंकि नए वर्ष के दिन अग्नि प्रज्वलित करना अशुभ माना जाता है। इस अवसर पर बच्चे फूल-पत्तों से सजे हुए और मदिरा से पूर्ण कटोरे हाथ में लेकर गलियों में घूमते थे और वे एक बहुत पुराना गाना गाते थे, जिसकी कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं—“प्रेम और आंनद तुम्हारे पास आए और ईश्वर करे कि तुम्हारा नव वर्ष शुभ हो।”

अंगूरों की वार्षिक दावत के लिए काफी भीड़ एकत्र हो जाती है

स्काटलैंड में अब भी नव वर्ष के अवसर पर “खुले दरवाजे” की रस्म का पालन किया जाता है। लोगों को यह एक अजीब अंधविश्वास है कि नए वर्ष घर में जो सबसे पहले आता है। वह पूरे वर्ष सौभाग्यशाली तथा संपन्न रहता है। दक्षिणी अमेरिका में नव वर्ष के आगमन पर काफी आनंद मनाया जाता है सबसे अधिक आनंद स्पेन में अधिक से अधिक अंगूर खाने की होड़ करके मनाया जाता है। इसका सर्वश्रेष्ठ रूप मेड्रिड में प्राप्त होता है जहां पर अर्द्ध रात्रि होते-होते अंगूरों की वार्षिक दावत के लिए काफी भीड़ एकत्र हो जाती है। रात्रि के बारह बजे ही प्रत्येक व्यक्ति बड़े अंगूर खाता है। लोग खासतौर पर पोर्टो डल सोल में एकत्र होते हैं जिसे ट्रैफ्लगर स्क्वायर भी कहा जाता है। 

डंडे लिए छोटी-छोटी लड़कियों द्वारा प्रेतात्माओं को भगाया जाता था

साइलेशिया में हरी लकड़ी के ढेरों को जलाकर उसके धुएं के साथ घर की प्रतात्माओं को वायुमंडल में विलीन कर दिया जाता है। कुछ देशों में उन्हें पवित्र जल से फांसा जाता है। साम्यवादियों के आने से पूर्व रूस में डंडे लिए छोटी-छोटी लड़कियों द्वारा प्रेतात्माओं को भगाया जाता था। धार्मिक क्रियाओं के द्वारा प्रेतात्माओं को भगा देने के उपरान्त नए वर्ष का दिन निश्चिंततापूर्वक एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता था और इस दिन दयालु आत्माओं से आगामी वर्ष की घटनाओं के बारे में पूछा जाता था।#


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