आखिर सांपों को कितना जानते हैं हम
हमारे लोक-कथाओं और दंतकथाओं में सांपों का चित्रण बड़े ही भयानक व डरावने रुप में किया गया है जिसके कारण लोग सांप को देखते ही एकदम अचानक से भयभीत होना स्वाभाविक है। ऐसा अंधविश्वास है कि जब कोई अजगर दिखाई देता है तो इंसान जस का तस , खड़ा का खड़ा ही रह जाता है। इसके अलावा एक मान्यता यह भी प्रचलित है कि सांप बदला लेने की भावना रखते हैं जो उन्हें किसी तरह की हानि पहुंचाते हैं या फिर जान से मारने प्रयास करते हैं। लेकिन ये सब दंतकथाये लोगों की कल्पना मात्र हैं। सांप आमतौर पर संकोची व कायर मिजाजी जीव होते हैं यदि हम व्यावहारिक रुप से देखे तों सांप वास्तव में भाव से संकोची व कायर मिजाजी जीव है। कहीं से भी जरा सी आहट पाते ही वह अपने आपको बचाव की मुद्रा में कर लेता है और मौका मिलने पर वहां से तुरंत भागने के लिए आतुर रहता है। वैसे तो दुनियाभर में पाए जाने तमाम तरह के सांपों में कुछ ही ऐसे सांप होते हैं जो प्राणघातक व विषैले होते हैं , बांकि अन्य सांप अधिकांशतः विषहीन होते हैं। आमतौर पर सांप का स्वभाव आक्रामक नहीं होता है। सबसे पहले वह अपना बचाव करने की कोशिश करता है और उसके बाद ही वह अंतिम विकल...