साक्षात्कार में जाने वालें हैं क्या?
आजकल के प्रतियोगी युग में अच्छी नौकरी पाना काफी कठिन काम हैं चाहे निजी संस्थान हो या सार्वजनिक उपक्रम, नौकरी पाने से पूर्व उम्मीदवार को एक निश्चित चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता हे। किसी भी चयन प्रक्रिया या परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है- साक्षात्कार क्योंकि इसमें असफलता पूर्व की सम्पूर्ण मेहनत पर पानी फेर देती है। अधिकतर युवा लिखित परीक्षा मे तो पूरी तैयारी करते है लेकिन साक्षात्कार जैसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर वो ध्यान नहीं देते जिस कारण उन्हें बारम्बार असफलता का सामना करना पाड़ता है। गलाकाट प्रतियोगिता के वर्तमान युग में आवश्यक है कि साक्षात्कार की भी विशेष तैयारी की जाये ताकि स्वपनिल संसार में प्रवेश पा सकें।
यूं तो साक्षात्कार में पारस्परिक वार्तालाप द्वारा उम्मीदवार के ज्ञान, समझ विचार व्यवहार और व्यक्तित्व आदि का मूल्यांकन किया जाता है लेकिन मुख्य जोर ‘व्यक्तित्व’ पर ही दिया जाता र्है इसलिए आवश्यक है कि हम अपने आप को इस प्रकार से प्रस्तुत करें कि सामने वाला प्रभावित हुए बगैर न रह सके। साक्षात्कार में जाने से पूर्व अपने को मानसिक रूप से तैयार करें और जिस व्यवसाय या पद के लिए साक्षात्कार देने जा रहे है उससे संबंधित सभी संभाविंत प्रश्नों की सूची बना लें और उनके सर्वश्रेष्ठ उत्तर तैयार कर लें। साक्षात्कारकर्ता पर जितना प्रभाव ज्ञान और बुद्धि का पड़ता है उससे कही अधिक वह आपकी प्रस्तुतिकरण की कला से प्रभावित होता है।
उम्मीदवारी के परिधान पर साक्षात्कार बोर्ड के सदस्य विशेष ध्यान देते है। वेशभूषा का चयन अपने व्यक्तित्व और मौसम के अनुसार करें। याद रखें आपकी वेशभूषा से सादगी सरलता प्रर्दशित होनी चाहिए इसलिए रंग-बिरंगे और डिजाइन वाले वस्त्र कदापि न पहने। कपड़ों का नया होना जरूरी नहीं है लेकिन वे साफ और प्रेस किये हुए होने चाहिए युवकों के किए गहरे या स्लेटी रंग की पतलून सफेद कमीज और चमड़े के काले जूते आदर्श माने जाते हैं तो युवतियां फिरोजी या किसी अन्य हल्के रंग की साड़ी अथवा सूट-सलवार पहन सकती है जींस र्स्पोट शूज या उंची ऐडी की सैंडिलों से बचना चाहिए। और हां किसी भी प्रकार के इत्र या सुगंध का भी प्रयोग न ही करें तो अच्छा है।
निर्धारित समय से पूर्व ही निश्चित स्थल पर पहुंचने का प्रयत्न करें ताकि आप अपने काम व्यवस्थित कर सकें। बुलाये जाने पर पूरे आत्म विश्वास के साथ कमरे में प्रवेश करें और अभिवादन करें बैठने का इशारा मिलने पर ही बैठें लेकिन घन्यवाद ज्ञापित करना कभी न भूलें तनावरहित और चिंता मुक्त होकर आराम से बैठे। कुर्सी को बार-बार आगे-पीछे खिसकाना या मेज का सहारा लेकर कदापि ना बैठें। इससे आपको कमजोर व्यक्तित्व और और रक्षात्मक प्रकृति का भान होता है। दोनों हाथ, अपनी जांघों पर ही रखें वैसे उत्तर देते समय हाथों का प्रयोग हैंड एक्सप्रेशन कर सकते हैं। इससे आप और अधिक प्रभावशाली लगेंगे। प्रश्न पूछे जाने पर प्रश्नकर्ता से नजरें मिलाकर उत्तर दें ताकि आप आत्मविश्वासी लगें। इधर-उधर या छत की ओर बिल्कुल ना देखें। सोच समझ कर संयत भाषा में साफ-साफ जवाब दें। प्रश्नकर्ता को उलझाने का प्रयत्न कदापि ना करें याद रखें कि सामने वाला व्यक्ति आपसे अधिक विद्वान और समझदार हे। यदि उत्तर पता नहीं है तो घबरायें नहीं और क्षमा मांगते हुए इनकार कर दें।
साक्षात्कार-कक्ष में अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें और अपना ध्यान वहीं पर केन्द्रित रखें। नर्वस बिल्कुल न होवें क्योंकि नर्वस होने पर व्यक्ति उत्तर जानते हुए भी सही जवाब नहीं दे पाता है या फिर प्रस्तुतिकरण ही गड़बड़ा जाता है। साक्षात्कार में उसी भाषा का प्रयोग करे जिस पर आपका पूर्ण नियंत्रण हो। कुछ लोग समझते है कि अंग्रेजी बोलने पर ही सामने वाला प्रभावित होगा। यदि आप ठीक प्रकार से अंग्रेजी बोल सकते है तो ठीक है लेकिन अंग्रजी बोलने के चक्कर में गलत उच्चारण और व्याकरण सारा खेल बिगाड़ सकता है। यदि आप हिन्दी में अपने विचार कहीं अच्छे तरीके से व्यक्त कर सकते हैं तो हिंदी का ही प्रयोग करे! प्रश्नकर्ता को अपनी योग्यता, अभिव्यक्ति और व्यक्तित्व से प्रभावित करें। किसी अन्य की अलोचना करना या कमियां बताना भी आपके अंक ही काटेगा। प्रत्येक प्रश्न का सकारात्मक और सटीक उत्तर दें। अन्त में अभिवादन के साथ बिना खट-पट किए उठें और धीरे से दरवाजा खेालकर बाहर आ जायें। याद रखें आपके उठने-बैठने और आने-जाने के ढंग से भी आपका मूल्यांकन होता है। साक्षात्कार की तैयारी में अपने दो्रस्तों की मदद भी आप ले सकते है। इसके लिए पूर्व में ही एक दो बार रिहर्सल ‘मोंक इंटरव्यू’ भी किया जा सकता है। किसी कोचिंग संस्थान की मदद भी इस संदर्भ में ली जा सकती हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें